कविता जोशी.नई दिल्ली
जलवायु परिवर्तन पर पुर्नगठित प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली अंतर-सरकारी परिषद की पहली बैठक आगामी सप्ताह की शुरूआत में सोमवार को होगी। इस बैठक में भारत जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर किस दिशा में आगे बढ़ेगा और कौन सी चुनौतियां उसके समक्ष होंगी को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
पीएम करेंगे बैठक की अध्यक्षता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समुह की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। 19 जनवरी को यह पहला मौका होगा जब नई सरकार बनने के बाद इस समुह की पहली बैठक होने जा रही है। बैठक में पीएम के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, पर्यावरण-वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जल संसाधन-नदी विकास और गंगा पुनरूद्धार मंत्री उमा भारती, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, विज्ञान-प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ.हर्षवर्धन, ऊर्जा, कोयला और अक्षय ऊर्जा राज्य मंत्री धमेंद्र प्रधान शामिल होंगे। इसके अलावा कैबिनेट सचिव, विदेश सचिव, पर्यावरण एवं वन सचिव, पर्यावरणविद डॉ.आर.के.पचौरी, डॉ.नितिन देसाई, चंद्रशेखरदास गुप्ता और अजय माथुर के नाम शामिल हैं।
परिषद का कार्य
यह परिषद जलवायु परिवर्तन के आकलन, परिवर्तित जलवायु के अनुकूल ढांचा तैयार करने और कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए कार्य-योजना तैयार करने के काम पर निगरानी करेगी। इस समुह में शामिल मंत्रियों का काम जलवायु परिवर्तन के बारे में राष्ट्रीय स्तरीय पहलों में समन्वय स्थापित करना होगा। इसके अलावा परिषद राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर कारगर ढंग से निपटने के उपायों पर भी ध्यान देगी।
5 नवंबर 2014 को हुआ समिति का पुर्नगठन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुर्नगठित समिति को बीते वर्ष 5 नवंबर 2014 को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी। इसमें कई सदस्यों को हटाया भी गया था। जिनमें आर.चिदंबरम, वी.कृष्णामूर्ति, सी.रंगराजन, प्रदीप्तो घोष और पत्रकारों में राज चेंगप्पा और आर.रामचंद्रन शामिल थे। चिंदबरम, कृष्णामूर्ति और रंगराजन तत्कालीन मनमोहन सरकार में प्रतिनिधि के रूप में शामिल थे। प्रदीप्तो घोष और दो अन्य पत्रकारों को समुह में गैर-सरकारी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।
जलवायु परिवर्तन पर पुर्नगठित प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली अंतर-सरकारी परिषद की पहली बैठक आगामी सप्ताह की शुरूआत में सोमवार को होगी। इस बैठक में भारत जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर किस दिशा में आगे बढ़ेगा और कौन सी चुनौतियां उसके समक्ष होंगी को लेकर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
पीएम करेंगे बैठक की अध्यक्षता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समुह की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। 19 जनवरी को यह पहला मौका होगा जब नई सरकार बनने के बाद इस समुह की पहली बैठक होने जा रही है। बैठक में पीएम के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, पर्यावरण-वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जल संसाधन-नदी विकास और गंगा पुनरूद्धार मंत्री उमा भारती, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, विज्ञान-प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ.हर्षवर्धन, ऊर्जा, कोयला और अक्षय ऊर्जा राज्य मंत्री धमेंद्र प्रधान शामिल होंगे। इसके अलावा कैबिनेट सचिव, विदेश सचिव, पर्यावरण एवं वन सचिव, पर्यावरणविद डॉ.आर.के.पचौरी, डॉ.नितिन देसाई, चंद्रशेखरदास गुप्ता और अजय माथुर के नाम शामिल हैं।
परिषद का कार्य
यह परिषद जलवायु परिवर्तन के आकलन, परिवर्तित जलवायु के अनुकूल ढांचा तैयार करने और कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए कार्य-योजना तैयार करने के काम पर निगरानी करेगी। इस समुह में शामिल मंत्रियों का काम जलवायु परिवर्तन के बारे में राष्ट्रीय स्तरीय पहलों में समन्वय स्थापित करना होगा। इसके अलावा परिषद राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर कारगर ढंग से निपटने के उपायों पर भी ध्यान देगी।
5 नवंबर 2014 को हुआ समिति का पुर्नगठन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुर्नगठित समिति को बीते वर्ष 5 नवंबर 2014 को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी। इसमें कई सदस्यों को हटाया भी गया था। जिनमें आर.चिदंबरम, वी.कृष्णामूर्ति, सी.रंगराजन, प्रदीप्तो घोष और पत्रकारों में राज चेंगप्पा और आर.रामचंद्रन शामिल थे। चिंदबरम, कृष्णामूर्ति और रंगराजन तत्कालीन मनमोहन सरकार में प्रतिनिधि के रूप में शामिल थे। प्रदीप्तो घोष और दो अन्य पत्रकारों को समुह में गैर-सरकारी सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।
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