शनिवार, 10 जनवरी 2015

छग-हरियाणा के मंत्रियों ने भी दिए शिक्षा संबंधी सुझाव

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

यहां मंगलवार को राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में छत्तीसगढ़ और हरियाणा के शिक्षा मंत्रियों ने भी केंद्र सरकार को अपने सुझाव दिए। इस पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को एक शिकायत निवारण सेल बनाने का निर्देंश दिया गया। इस सेल के जरिए शिक्षा के मसले पर राज्य अपने सुझावों, समस्याआें और चुनौतियों से केंद्र सरकार को सीधे भेज सकेंगे और उनका त्वरित समाधान भी पा सकेंगे। बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी, दोनों राज्य शिक्षा मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, प्रो.रामशंकर कठेरिया, उच्च-शिक्षा विभाग में सचिव एस.एन.मोहंती, उच्च-शिक्षा विभाग में विशेष सचिव वृंदा स्वरूप, विभाग में अतिरिक्त सचिव अमरजीत सिन्हा, यूजीसी के अध्यक्ष प्रो.वेदप्रकाश मौजूद थे।

हरियाणा के सुझाव
बैठक में मौजूद हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो.रामबिलास शर्मा ने हरिभूमि से खास बातचीत में कहा कि हम भगवतगीता और योग को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहते हैं। इसके अलावा हरियाणा सरकार प्रदेश में देश की प्राचीन भाषा संस्कृत को लेकर एक विश्वविद्यालय खोलना चाहती है। हम केवल छात्र-छात्राआें की शिक्षा पर ही जोर नहीं दे रहे हैं बल्कि यह चाहते हैं कि स्कूली प्रांगण में बच्चों को भारतीय संस्कारों के बारे में भी अवगत कराए जाए। स्कूलों में शौचालयों की कमी दूर करना भी हमारी प्राथमिक्ता है। इसके अलावा प्रो.शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बीते कुछ सालों में शिक्षा का काफी व्यवसायीकरण हुआ है, जिससे गरीब बच्चों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। व्यवसायीकरण से उत्पन्न हुए इस अंतर को हम दूर करना चाहते हैं।

छत्तीसगढ़ के सुझाव
बैठक में मौजूद छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने हरिभूमि से खास बातचीत में कहा कि वोकेशनल प्रशिक्षण को लेकर केंद्र को हमें फैकेल्टी,अतिरिक्त कक्षाआें की आवश्यक्ता और वित्तीय सहायता जैसी मदद प्रदान करनी चाहिए। परा-स्नातक स्तर पर लागू सेमिस्टर सिस्टम को अंडर ग्रेजुएशन स्तर पर भी लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा के्रडिट बेस सिस्टम में पाठ्यक्रम का मॉडल केंद्र को तैयार करना चाहिए जिसे बाद में राज्य अपने विश्वविद्यालयों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में लागू करे। केंद्र की ओर से राज्यों को शिक्षा के मुद्दों पर पूरा सहयोग देने का वादा किया गया।

क्रेडिट फ्रेमवर्क पर राज्यों के सुझाव
राज्यों के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्रियों ने क्रेडिट फे्रमवर्क फार स्किल्स एंड चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को स्वीकार किया। केंद्रीय मंत्री ने तमिलनाडु,महाराष्ट्र की संयुक्त कार्यसमूह के गठन की मांग को स्वीकार किया जिसमें उन्होंने इस समूह में राज्यों के प्रतिनिधि को शामिल करने की बात कही थी। समूह के जरिए संयुक्त रूप से इस सिस्टम को लागू करने को लेकर आने वाली चुनौतियों और समस्याआें का समाधान किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें