शनिवार, 24 जनवरी 2015

1965 के युद्ध की पुरातन स्मृतियां समेटे निकलेगी वायुसेना की झांकी

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

यूं तो पाकिस्तान के साथ भारत ने आजादी के बाद करीब 4 लड़ाईयां लड़ी हैं। इनमें 1999 में हुई करगिल की लड़ाई हमारे जहन में मौजूद ताजातरीन याद के रूप है। लेकिन वायुसेना ने इस बार गणतंत्र दिवस परेड में भारत-पाक के बीच 1965 के युद्ध की धुंधली पड़ चुकी स्मृतियों को झांकी के रूप में पुन: जीवंत करने करने की कोशिश की है। इसकी झलक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में देखने को मिलेगी। यहां बता दें कि वर्ष 1965 की लड़ाई को दूसरे कश्मीर युद्ध के नाम से भी जाना जाता है। पहले कश्मीर युद्ध के रूप में 1947 की लड़ाई को याद किया जाता है।

थीम:1965 के युद्ध के पचास वर्ष
यहां राजधानी में मौजूद वायुसेना के सूत्रों ने हरिभूमि से बातचीत में कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस परेड में वायुसेना की झांकी की थीम ह्य1965 की लड़ाई के पचास वर्षह्ण होगी। इसमें हमने 1965 की लड़ाई में दुश्मन के दांत खट्टे कर चुके वायुसेना के पांच प्राचीन लड़ाकू-परिवहन विमानों को मॉडल के जरिए लोगों को दिखाया जाएगा। इनमें जीनेट, वैंपायर (लड़ाकू विमान), कैनबरा (बमवर्षक विमान), पैकेट (परिवहन विमान) और मी-4 हेलिकॉप्टर शामिल है। झांकी के एक हिस्से में 1965 की लड़ाई के बाद महावीर चक्र से सम्मानित पांच अधिकारियों के फोटो भी लगे होंगे।

मिग-29 विमान का अपग्रेडड वर्जन शामिल
वायुसेना ने μलाईपास्ट में अपने कुल 27 विमानों को शामिल किया है, जिनमें सुखोई-30एमकेआई, जेगुआर, मिग-29, सी-130जे, सी-17 ग्लोबमास्टर, 3 मी-35, 4 मी-17 हेलिकॉप्टर शामिल हैं। इसके अलावा सेना की एवीऐशन कोर से 3 हेलिकॉप्टर (धु्रव) और 3 विमान नौसेना से शामिल होंगे। इनमें वायुसेना का सबसे आकर्षक बिंदु फ्लाईपास्ट और परेड के बीच में आसमान से गुजरने वाली मिग-29 लड़ाकू विमानों की एरोहेड आकार की फॉरमेशन होगी। इस फॉरमेशन में शामिल 5 विमानों में अगुवाई करने वाला मिग-29 विमान वायुसेना का उन्नत श्रेणी का विमान होगा बाकी 4 पुराने विमान होंगे।

बर्ड-हिट को लेकर एडवाइजरी जारी
परेड से पहले राजपथ पर इन दिनों अभ्यास के दौरान उड़ान भर रहे लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्टरों को लेकर वायुसेना की ओर एडवाइजरी जारी कर दी गई है। इसमें दिल्ली और उसके आस पास के इलाकों को एहतियात बरतने को कहा गया है। एडवाइजरी में इन जगहों पर रहने वाले लोगों से सहयोग करने की अपील की गई है कि वो विमानों के उड़ान भरने की जगहों के आसपास खाने-पीने की चीजें ना फेकें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें जिससे विमानों के अभ्यास और परेड के दिन उड़ान के दौरान पक्षी इनकी चपेट में ना आएं।

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