शनिवार, 24 जनवरी 2015

25 थीम संग 26 जनवरी से राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मंत्रणाएं शुरू

कविता जोशी.नई दिल्ली

बीते वर्ष 26 मई को नरेंद्र मोदी की अगुवाई में नई सरकार के गठन के बाद शिक्षा के क्षेत्र व्यापक बदलाव की तैयारियां मानव संसाधन विकास मंत्रालय में चल रही हैं। 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिक्षा नीति से जुड़ी देशव्यापी मंत्राणाओं का आगाज कर सकते हैं। यहां केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की ओर से आयोजित एक निजी कार्यक्रम से इतर मंत्रालय में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग में संयुक्त सचिव जॉहने आलम ने हरिभूमि से खास बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर मंत्रालय में काफी तेजी से काम कर रहा है।

25 थीम पर होंगी देशव्यापी मंत्रणाएं
संयुक्त सचिव ने कहा कि इस व्यापक नीति का अंतिम प्रारूप तैयार करने से पहले मंत्रालय की योजना देश भर में हर स्तर पर विस्तृत विचार-विमर्श करने की है। मंत्रालय ने इसके लिए कुल 25 थीम बनाई गई हैं, जिनमें स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च-शिक्षा से जुड़े हर छोटे-बड़े विषय को शामिल किया गया है और उन्हें चर्चाआें में शामिल किया जाएगा।

12वीं बोर्ड परीक्षा लाने पर असमंजस
बीते वर्ष के अंत में जब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने यहां एचआरडी मंत्रालय में स्कूल-कॉलेज के बच्चों से मुलाकात की तो उनमें से ज्यादातर बच्चों का कहना था कि दसवीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षा को दोबारा शुरू करना चाहिए। लेकिन कई राज्यों की ओर से पुन: बोर्ड परीक्षा शुरू करने को लेकर अरूचि जताई गई है। अरूचि जताने वाले राज्यों के नामों का खुलासा ना करते हुए उन्होंने कहा कि 26 जनवरी से शुरू हो रहे देशव्यापी मंत्रणा के दौर में दसवीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा को दोबारा शुरू करना भी एक थीम जरूर होगा जिस पर राज्यों से बात की जाएगी।

जून तक परा हो जाएगा मंत्रणा का कार्य
26 जनवरी से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर मंत्रणाओं का दौर शुरू होगा और इसे जून महीने तक पूरा कर लिया जाएगा। यहां बता दें कि बीते 6 जनवरी को यहां राजधानी में हुए शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि इस मुद्दे पर हम देश भर में जाएंगे। केंद्र में बैठकर फरमान नहीं चलाएंगे। मैं और मेरे दोनों शिक्षा राज्य मंत्री और मंत्रालय के तमाम अधिकारी जिला स्तर से लेकर ब्लॉक, पंचायत स्तर तक जाकर राज्यों से बातचीत करेंगे और उनके सुझावों, चुनौतियों और अन्य जरूरी मुद्दों से सीधे रूबरू होंगे।

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