शनिवार, 10 जनवरी 2015

पांच साल में साफ हो जाएगी गंगा, बनेगी नजीर

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

केंद्रीय पर्यावरण-वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां शनिवार को महिला प्रेस क्लब में महिला पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गंगा नदी को सरकार 5 साल के अंदर प्रदूषण मुक्त कर स्वच्छ कर देगी। एक बार गंगा नदी साफ हो जाए तो उसे अन्य नदियों के लिए नजीर के रूप में पेश किया जाएगा। इससे उन्हें भी स्वच्छ करने की दिशा में हम आगे बढ़ पाएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नदी में प्रदूषणरहित करने के लिए हमने करीब 64 उद्योगों को बंद किया है। 56 उद्योगों को प्रदूषण की रफ्तार कम करने और उसके लिए जरूरी संस्थागत ढांचे का तीन महीने में निर्माण करने को कहा है। इसके अलावा क रीब 3 हजार 260 उद्योगों को 24 घंटे प्रदूषण संबंधी निगरानी करने वाले उपकरणों को लगाने के निर्देंश दिया है।

एक बार अगर हम गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त कर देंगे तो यह बाकी नदियों के लिए भी मिसाल बनेगी। जलवायु परिवर्तन पर हालिया हुए लीमा सम्मेलन का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि वहां विकसित देश पर्यावरण के लिए खतरनाक ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन(जीएचजी) को कम करने को लेकर अपनी पुरानी जिम्मेदारियों को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हुए जबकि भारत का यह मानना है कि उन्हें ज्यादा सहयोग करना चाहिए। पर्यावरण के लिए हानिकारक जीएचजी गैसों के उत्सर्जन को कम करने की दिशा में विकसित देशों को भारत जैसे विकासशील देशों को ज्यादा मदद देनी चाहिए।

हमने सम्मेलन में यह बात भारत की ओर से रखी कि वो हमें स्वच्छ ऊर्जा तकनीक को मुफ्त में दे न कि आईपीआर की तर्ज पर। कार्बन उत्सर्जन को वैश्विक आधार पर कम करने की दिशा में भारत कई कार्यों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसमें हमने एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन लक्ष्य बनाया है, जिससे भारत करीब 145 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन की प्रतिवर्ष बचत करेगा। हरियाली को बचाने के लिए 6 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त कैंपा फंड भी इसमें अहम भूमिका निभाएगा।

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