सोमवार, 5 जनवरी 2015

एडमिरल जोशी के बाद थमी नौसेना में हादसों की रफ्तार?

कविता जोशी.नई दिल्ली

नौसेना के लिए गुजरता साल 2014 काफी उतार-चढ़ा •ारा हुआ रहा। साल की शुरूआत में 26 फरवरी को नौसैन्य उपकरणों की एक के बाद एक लगातार हो रही दुर्घटनाआें से बेहद आहत तत्कालीन नौसेनाप्रमुख एडमिरल डी.के.जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसमें उन्होंने इन तमाम दुर्घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से त्यागपत्र देने की बात कही थी। उनके यूं अचानक इस्तीफा देने की घोषणा ने नौसेना से लेकर देश के राजनीतिक हलकों में सभी को सन्न कर दिया था। शुरूआत में ना तो तत्कालीन यूपीए सरकार में रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी की ओर से कोई बयान आया और ना ही कोई टिप्पणी। इस घटना को गुजरे अब करीब 10 महीने होने वाले हैं लेकिन जब हम नौसेना के लिए साल 2014 की यादों का विश्लेषण करते हैं तो यह घटना सबसे पहले जहन में ताजा होती है। इस घटना के बाद नौसैन्य उपकरणों की खराब हालत, मरम्मत की कमी जैसे तमाम बड़े सवाल उठ खड़े हुए थे। लेकिन इस सबसे इतर जब यह हम जांचने की कोशिश करते हैं कि क्या नौसेना में एडमिरल जोशी के जाने नौसैन्य उपकरणों की दुर्घटनाओं का सिलसिला रूका या नहीं। पड़ताल के बाद इसका जवाब ना में ही मिलता है।

साल 2014 की सबसे बड़ी घटना  
साल 2014 में नौसेना में सबसे बड़ी घटना तत्कालीन नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डी.के.जोशी के इस्तीफे को कहा जा सकता है। जिसने हर खासोआम को एक बार को सन्न कर दिया था। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में अपना कार्यकाल पूरा किए बिना अचानक किसी नौसेनाध्यक्ष के अपने पद से त्यागपत्र देने की शायद यह पहली रही होगी। एडमिरल जोशी ने नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्ना में आग लगने की घटना के कुछ घंटे बीतने के बाद इस्तीफा दिया था। हादसे में 2 अधिकारियों की मौत हो गई थी। इससे पहले अगस्त 2013 में नौसेना की एक अन्य पनडुब्बी सिंधुरक्षक में धमाका हुआ और वो मुंबई तट के पास समुद्र में डूब गई। इस हादसे में पनडुब्बी में चालक दल के सभी 18 लोगों की मौत हो गई।

एडमिरल धोवन को नौसेना की कमान
फरवरी 2014 में एडमिरल जोशी के इस्तीफे के बाद मौजूदा नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर.के.धोवन को कार्यकारी नौसेनाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन जल्द ही तत्कालीन यूपीए सरकार ने अप्रैल महीने में लोकसभा चुनाव में जाने से पहले नए नौसेनाप्रमुख के रूप में एडमिरल धोवन के नाम को मंजूरी दे दी।

नौसेना में 2014 में हुए 11 हादसे
नौसेना में साल 2014 में 11 हादसे हुए। 8 जनवरी को नौसेना के गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस बेतवा के सोनार डोम में दरार आई जिसमें किसी नौसैनिक या अधिकारी की मौत नहीं हुई। 17 जनवरी को नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुघोष हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बची। उस वक्त पनडुब्बी पर अधिकारी और नौसैनिक मिलकार 77 लोग सवार थे। हादसे के लिए रख-रखाव और तकनीकी खराबी जैसे तथ्य सामने आए। 23 जनवरी को नौसेना का मिसाइल वाहक युद्धपोत विपुल हादसे का शिकार हुआ। इसमें विपुल के पिलर कंपॉर्टमेंट में बड़ा सुराख था जिसे समय पर ठीक नहीं किया गया। 30 जनवरी को आईएनएस ऐरावत बंदरगाह में प्रवेश के दौरान दुर्घटना का शिकार हुआ। इसमें इसके पोर्ट प्रोपेलर को नुकसान हुआ।

26 फरवरी को पनडुब्बी सिंधुरत्न हादसे का शिकार हुई। 7 मार्च एमडीएल में निर्माणाधीन यार्ड 12701(कोलकात्ता) में परीक्षण के दौरान हादसा हुआ। 6 अप्रैल को आईएनएस मेटांगा, 28 जून आईएनएस कुथर, 2 जुलाई को आईएनएस चीता, 31 अक्टूबर को आईएनएस कोरा समुद्र में एक मालवाहक जहाज से टकराया और 6 नवंबर को टीआरवी-72 अभ्‍यास के दौरान बीच समुद्र में डूब गया। जहाज पर कुल 29 लोग सवार थे जिसमें 25 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। लेकिन एक अधिकारी की समुद्र से बाहर आने के बाद मौत हो गई थी। 4 अाज भी लापता हैं।   

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