सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

एरो इंडिया: पाक को निमंत्रण नहीं, चीन ने नहीं भेजी सहमति

कविता जोशी.नई दिल्ली

दुनिया के बड़े वैमानिकी शो कहे जाने वाले ‘एरो इंडिया 2015’ में पड़ोसी पाकिस्तान को भारत ने आमंत्रित नहीं किया है और चीन ने भी कार्यक्रम में आने को लेकर कोई सहमति नहीं दी है। इससे यह साफ हो जाता है कि इस बार एरो इंडिया में भारत के दो निकट पड़ोसी देश शिरकत नहीं करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन आगामी 18 से 22 फरवरी तक बैंगलुरु के येहलंका वायुसेनाअड्डे पर किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार एरो इंडिया में खास तौर पर मेक इन इंडिया अभियान पर कार्याशाला का उद्घघाटन करने के लिए 18 फरवरी को बैंगलुरु पहुंचेंगे।

चीन ने नहीं दी सहमति
यह जानकारी यहां राजधानी के डीआरडीओ भवन में इस समारोह के पूर्व में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन सचिव जी.मोहन कुमार ने हरिभूमि द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि एरो इंडिया 2015 में इस बार कुल 33 देश भाग ले रहे हैं, जिसमें अमेरिका, आॅस्ट्रेलिया, कनाड़ा, जर्मनी, फ्रांस, इजराइल, इटली, रूस, यूक्रेन, यूएई, ब्राजील, स्वीडन, द.अफ्रीका शामिल हैं। इन देशों की ओर से रक्षा मंत्रालय को अंतिम स्वीकृति भेज दी गई है। लेकिन विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था कहलाने वाले चीन की ओर से भारत को कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कोई सहमति नहीं भेजी गई है। भारत ने चीन को आमंत्रित किया है। पाकिस्तान का जहां तक सवाल है हमने उन्हें इस आयोजन के लिए आमंत्रित नहीं किया है।

राज्यों में बंगाल नहीं होगा शामिल
इस बार एरो इंडिया की थीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बनाया गया है। राज्यों को भी इसमें बड़े पैमाने पर भागीदारी करने के लिए कहा गया है। अभी तक मंत्रालय को चार राज्यों की ओर से सहमति भेजी गई है, जिसमें गुजरात, कर्नाटक, आंध्र-प्रदेश और केरल शामिल है। पश्चिम-बंगाल को लेकर पूछे गए हरिभूमि के सवाल के जवाब में रक्षा उत्पादन सचिव ने कहा कि बंगाल की ओर से कोई सहमति नहीं भेजी गई है।

गौरतलब है कि पश्चिम-बंगाल, केंद्र की योजनाआें को लागू करने में लगातार बेरूखी दिखा रहा है। रविवार को नीति आयोग की बैठक में भी प.बंगाल शामिल नहीं हुआ और इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हुई मुलाकात में भी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नदारद रही थी।

रूस की पहले जैसी भागीदारी
एरो इंडिया में रूस की भागीदारी बीते वर्षों की तरह ही होगी। उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। रूस की इस कार्यक्रम में 41 कंपनियां भाग लेंगी। जिसमें सिविल-मिलिट्री कंपनियां शामिल हैं। लेकिन रूस अपने लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन नहीं करेगा। भारत के रूस से बदल रहे रिश्तों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के लंबे समय से संबंध रहे हैं। रूस ने भारत को कई विशेष सैन्य उपकरण दिए हैं। उनकी भागीदारी को लेकर हमारे संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

ब्लैकलिस्ट कंपनियां शामिल होंगी?
कार्यक्रम में भाग लेने को लेकर हमने किसी कंपनी पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है। इतना जरूर है कि जिन कंपनियों को हमने कालीसूची में डाला है या जिनके खिलाफ किसी तरह की एफआईआर या सीबीआई की जांच चल रही है वो कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। इसमें वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में रिश्वत के आरोपों के चलते कालासूची में डाली गई अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी भी शामिल है। लेकिन इसकी एक अन्य सहयोगी कंपनी फिनमैकेनिका एरो इंडिया में शिरकत करेगी। हमारा यह मानना है कि किसी कंपनी पर पूर्णकालिक आधार पर प्रतिबंध लगाना ठीक नहीं है। उसकी सहायक कंपनियां कार्यक्रम में भाग ले सकती हैं।

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