सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

सुरक्षा कारणों के चलते नहीं हुआ ‘पाक दिवस’ समारोह

कविता जोशी.नई दिल्ली

पाकिस्तान द्वारा अगले महीने की 23 तारीख को मनाया जाने राष्ट्रीय दिवस समारोह सात साल बाद मनाया जा रहा है। इसके पीछे सुरक्षा संबंधी कारणों को जिम्मेदार बताया गया है, जिसकी वजह से यह कार्यक्रम बंद था। इससे पहले 23 मार्च 2008 में यह कार्यक्रम पाकिस्तान में हुआ था। उस समय पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ थे। गौरतलब है कि यह वही साल है जब चंद महीनों के बाद 26 नवंबर 2008 को पाक समर्थित आतंकवादी हाफिज सईद के नेतृत्व में भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर बड़ा आतंकवादी हमला किया गया था। जिसमें कई बेगुनाह नागरिक मारे गए थे। ये आतंकी समुद्र के रास्ते भारत में घुसे थे।

ओबामा के भारत आगमन से बौखलाहट
सैन्य-सामरिक मामलों के जानकार सूत्र ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करने वाले हैं। पिछले महीने 26 जनवरी को भारत द्वारा मनाए गए 66 वें गणतंत्र दिवस परेड समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के आगमन से चीन और पाकिस्तान दोनों में बौखलाहट है। इसे लेकर पहले चीन ने इसी वर्ष 1 सितंबर को विशाल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने की घोषणा की जिसमें रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन को विशेष अतिथि के तौर पर शिरकत करने के लिए आमंत्रण भेजा तो अब पाकिस्तान आगामी 23 मार्च को पाक दिवस पर चीनी राष्ट्रपति को बुला रहा है।

रावलपिंडी में होगा पाक का समारोह
पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस समारोह 23 मार्च को रावलपिंडी के संयुक्त स्टाफ हेडक्वाटर में होगी। इस दौरान पाक सैन्य बलों की संयुक्त परेड का आयोजन करेगा। सैन्य क्रियाक्लापों के अलावा परेड में सांस्कृतिक क्रियाक्लापों का भी आयोजन किया जाएगा।

द.एशिया में बदलते भू-राजनैतिक संबंध
भारत द्वारा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को मुख्य अतिथि बनाए जाने के एलान के बाद द.एशिया में भू-राजनैतिक संबंधों का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। एक ओर इससे हड़बड़ाए चीन ने इसी वर्ष 1 सितंबर को विशाल सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करने का एलान कर दिया है, जिसमें रूसी राष्टÑपति मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। वहीं अब पाक के राष्ट्रीय दिवस समारोह में चीनी राष्ट्रपति खास मेहमान बनने जा रहे हैं। एक ओर चीन, रूसी राष्ट्रपति को बुलाकर भारत समेत अमेरिका को अपनी अकांक्षाओं, ताकत और सैन्य क्षमता का खुला प्रदर्शन करना चाहता है। वहीं पाक, चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग को बुलाकर अमेरिका समेत द.एशिया में अपनी मौजूदगी का अहसास बरकरार बनाए रखना चाहता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें