शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

तटरक्षकबल के नए डीजी आज संभालेंगे कार्यभार

कविता जोशी.नई दिल्ली

शांतिकाल में समुद्री सीमाओं के जांबाज प्रहरी कहे जाने वाले तटरक्षक-बल के नए महानिदेशक वाइस एडमिरल एचसीएस बिष्ट शनिवार शाम को अपना कार्यभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा और वो अगले वर्ष 1 फरवरी 2016 तक इस पद पर रहेेंगे। 1 सितंबर 2012 में नौसेना में वाइस एडमिरल रैंक पर पद्दोन्नत होने के बाद वो कंट्रोलर पर्सनल सर्विसेस (सीपीएस) के रूप में काम कर रहे थे। तटरक्षक-बल के वर्तमान डीजी वाइस एडमिरल अनुराग.जी थपलियाल शानिवार शाम 31 जनवरी को सेवानिवृत हो रहे हैं। वाइस एडमिरल बिष्ट नेशनल डिफेंस एकेडमी, खड़गवासला (पुणे) और नेवल एकेडमी, कोच्ची के पूर्व छात्र रहे हैं।

बल से ही जल्द चुने जाएंगे नए डीजी?
1 फरवरी 1977 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एक अंतरिम तटरक्षक संगठन के गठन का निर्णय किया गया। इसके बाद नौसेना से ही यहां किसी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की परंपरा रही है। लेकिन अगले वर्ष 2016 से यह प्राचीन परंपरा बदलने वाली है। 2016 से इस बल का ही कोई अधिकारी इसके मुखिया के तौर पर कमान संभालेगा। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि इस परंपरा में बदलाव का कारण अब कोस्टगार्ड का बड़ रहा आकार, जिम्मेदारियों और वक्त के साथ इसमें आई परिपकवता है। शुरूआत में इसकी स्थापना नौसेना के ही एक सहायक बल के तौर पर की गई थी। इसके हिसाब से वाइस एडमिरल बिष्ट नौसेना से तटरक्षक-बल में प्रतिनियुक्त किए जाने वाले अंतिम अधिकारी होंगे।

बल का गठन व इतिहास
भारत में तटरक्षक का आर्विभाव समुद्र में भारत के राष्टÑीय क्षेत्राधिकार के भीतर राष्टÑीय विधियों को लागू करने तथा जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई सेवा के तौर पर 1 फरवरी 1977 को हुआ था। इस वक्त यह आवश्यकता महसूस की गई कि नौसेना को उसके युद्धकालीन कार्यों के लिए अलग रखा जाना चाहिए तथा विधि प्रवर्तन संबधी कार्यों के लिए एक अलग सेवा का गठन किया जाए जो कि पूर्णरूप से सुसज्जित तथा विकसित राष्ट्र जैसे अमेरिका जैसे राष्‍ट्रों के तटरक्षकों की तर्ज पर बनाई गई हो। 18 अगस्त 1978 को संघ के एक स्वतंत्र बल के रूप में संसद द्वारा तटरक्षक अधिनियम 1978 के तहत बल का औपचारिक तौर पर उद्घघाटन किया गया। बल का आदर्श वाक्य ‘वयम् रक्षाम:’ याने हम रक्षा करते हैं।

मुख्यालय समेत पांच क्षेत्रीय केंद्र
बल का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसे पांच क्षेत्रों में बांटा गया है। पश्चिमी क्षेत्र-मुख्यालय-मुंबई, पूर्वी क्षेत्र-मुख्यालय-चेन्नई, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र-मुख्यालय-कोलकात्ता, अंडमान व निकोबार क्षेत्र-मुख्यालय-पोर्ट-ब्लेयर, उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र-मुख्यालय- गांधीनगर (गुजरात) शामिल है।

सेवाएं-कर्तव्य
समुद्री क्षेत्रों में कृत्रिम द्वीपों समेत अन्य संरचनाआें की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करना, मछुवारों की सुरक्षा करना तथा समुद्र में संकट के समय उनकी सहायता करना, समुद्री प्रदूषण के निवारण और नियंत्रक सहित समुद्री पर्यावरण का संरक्षण करना, तस्करी रोधी अभियानों में सीमा शुल्क विभाग तथा अन्य प्राधिकारियों की सहायता करना, समुद्र में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करना शामिल है।

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