शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

सिंधुरत्न हादसे में 6 अधिकारी दोषी, सीओ से होगी फिर पड़ताल

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

बीते वर्ष 26 फरवरी 2014 को मुंबई तट से करीब 50 किलोमीटर दूर नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न में धमाका होने की वजह से आग लगी जिसमें दो लोगों की मौत हुई। नौसेना की ओर से शुक्रवार को इस हादसे के लिए 6 अधिकारियों को दोषी करार दिया गया है और पनडुब्बी के मुखिया कमांडिंग आॅफिसर (सीओ) कंमाडर संदीप सिन्हा से फिर से पड़ताल करने का फैसला लिया गया है। हादसे के कुछ ही घंटों के भीतर तत्कालीन नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डी.के.जोशी ने नौसेना में लगातार हो रहे हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिससे नौसेना से लेकर तमाम सरकारी महकमे में हडकंप मच गया था।

यहां नौसेना मुख्यालय में मौजूद नौसेना के सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि 6 दोषी अधिकारियों के खिलाफ लेटर आॅफ सीवियर डिसप्लेजर (एलओएसडी) की कार्रवाई की जाएगी। एलओएसडी पर नौसेनाप्रमुख के दस्तखत होने के बाद अगले दो साल तक इन अधिकारियों को किसी तरह की पद्दोन्नति, विदेश में सेवा या पढ़ने की सुविधा के अलावा नौसेना की कोई और सुविधा नहीं दी जाएगी। इसके अलावा हादसे के वक्त पनडुब्बी के मुखिया कमांडर सिंन्हा से कोर्ट फिर से अकेले में पूछताछ करेगा। इस प्रक्रिया को पूरा होने में करीब चार महीने का समय लग सकता है। अगर इस दौरान कोर्ट के सामने कमांडर का दोष सिद्ध हो गया तो उनके खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई की जा सकती है।

गौरतलब है कि इस घटना पर गठित बोर्ड आॅफ इंक्वारी (बीओआई) की रिर्पोट में भी सात लोगों को अलग-अलग प्रकार से दोषी करार दिया गया था। हादसे में दो नौसैन्य-कर्मियों की मौत हो गई थी। इस दौरान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी राज्यसभा में बयान दिया था कि नौसेना की मुंबई स्थित पश्चिमी कमांड की ओर से इनके खिलाफ अनुशानात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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