शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

चीन से लगी सीमा पर जल्द शुरू होगा सेना का डिजीटलीकरण!

कविता जोशी.नई दिल्ली

भारत के पश्चिमी और पूर्वी मोर्च पर पड़ने वाली दो बेहद संवेदनशील सीमाओं पर सरकार दो मामलों में तेजी से काम कर रही है। एक इंफ्रास्ट्रक्चर को बिना किसी बाधा के विकसित करने और दूसरा वहां तैनात थलसेना की तीनों कोरों को संचार के आधुनिक तंत्र से जोड़कर डिजीटल करने की कवायद शुरू करने में लगी हुई है। पूर्वोत्तर सीमा पर सैन्य कोरों का डिजीटलीकरण का काम मार्च महीने में शुरू हो जाएगा।

एमसीसीएस सिस्टम लगाए जाएंगे
यहां राजधानी में सेना मुख्यालय में मौजूद सेना के विश्वसनीय सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि सेना के पूर्ण डिजीटलीकरण करने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीते वर्ष 15 अगरूत को लालकिले की प्राचीर से दिए गए ‘डिजीटल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ के नारे को जमीनी रूप में चरितार्थ करने की पहल की मुख्य भूमिका है। सेना पूर्वोत्तर में चीन से लगी सीमा के निकट संचार के आधुनिक मोबाइल सेल्युलर कम्युनिकेशन सिस्टम (एमसीसीएस)लगाने जा रही है। इस सिस्टम की मदद से सेना के अधिकारी-जवान बिना किसी रूकावट के मोबाइल पर आसानी से बातचीत से लेकर दुश्मन की घुसपैठ या किसी संदेहास्पद हरकत की वीडियो-ओडियो रिकॉडिंग कर संबंधित अधिकारी को मुख्यालय व अन्य जगहों पर भेज सकेंगे।

सरकार ने बजट आवंटित किया
केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से इस योजना के लिए करीब 1 हजार करोड़ रूपए का बजट आवंटित कर दिया गया है। इस सिस्टम को पूर्वोत्तर स्थित सेना की 3, 4 और 33 कोर में लगाया जाएगा। प्रत्येक कोर में इसे लगाने पर करीब 300 करोड़ रूपए का खर्च और पांच साल का समय लगेगा। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने इसे तैयार किया है। सेना एमसीसीएस सिस्टम के टावरों को ऊंची पहाड़ियों पर लगाएगी जिनसे बाढ़ के दौरान इन्हें नुकसान ना पहुंचे। नीचे मोबाइल फोन जो कि सीडीएमए पर काम करता है जवान प्रयोग कर संदेशों का तेजी से आदान-प्रदान कर सकेंगे।

पूर्वोत्तर की कोरों की सामरिक महत्ता
पूर्वोत्तर में भारत-चीन के साथ लगभग 3 हजार से ज्यादा की सीमा साझा करता है। यहां सेना की तीन कोर तैनात हैं, जिसमें 3, 4 और 33 कोर शामिल है। आंकड़ों के हिसाब से देखे तो एक कोर में 75 हजार अधिकारी-जवान होते हैं। इस हिसाब से तीनों कोरों में लगभग ढाई लाख फौज पूर्वी सीमा की रक्षा के लिए लगी हुई है। 3 कोर आकार के मामले में बाकी कोरों में सबसे बड़ी है और इसका मुख्यालय दीमापुर (नागालैंड) में है। 4 कोर का मुख्यालय तेजपुर (असम) है और 33 कोर का मुख्यालय सिलिगुड़ी (प.बंगाल) में है। 

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