शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

बच्चा गोद लेने प्रक्रिया आॅनलाइन होने से बढे़ आवेदन

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया (अडॉप्शन) को आॅनलाइन कर दिया है। इससे कोर्ट में जाने से पहले इच्छुक दंपत्ति का केस रजिस्टर हो जाएगा और उन्हें न्यायालय संबंधी शुरूआती जटिलताआें से भी निजात मिल रही है। इस प्रक्रिया को आॅनलाइन करने से आवेदनों की संख्यां में इजाफा देखने को मिल रहा है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से यह जरूरी कदम उठाया गया है। मंत्रालय के सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि इस प्रक्रिया को आॅनलाइन करने के बाद लोगों से काफी अच्छा रिस्पांस आ रहा है।

बच्चा गोद लेने से पहले आॅनलाइन आवेदन करने पर कोर्ट पहुंचने से पहले ही आपका केस दर्ज हो जाता है और आगे की कार्रवाई सीधे शुरू हो जाती है। मंत्रालय की ई-बुक से मिली जानकारी के मुताबिक बीते वर्ष 26 मई 2014 के बाद अडॉप्शन के लिए आॅनलाइन आवेदन करने वालों का आंकड़ा 1650 पर पहुंच गया है। यह आंकड़ा केवल 2014 के जून से लेकर अगस्त महीने तक का है। इससे पहले वर्ष 2013-14 में यह आंकड़ा 1100 पर था यानि सीधे 550 आवेदन बढ़े। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश जैन ने इस बाबत हरिभूमि से बातचीत में कहा कि अडॉप्शन प्रक्रिया का आॅनलाइन होना एक अच्छी पहल है,जिससे कोर्ट में सीधे दाखिल होने से पहले इच्छुक दंपत्ति का मामला दर्ज हो जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान कोर्ट दंपत्तियों के आय के स्रोत से लेकर शादीशुदा स्थिति (सिंगल पैरेंट या तलाकशुदा), उनके घर का वातावरण, अपराधी प्रवृति का ना होना जैसे अहम मुद्दों को लेकर पड़ताल की जाती है। इसके अलावा कोर्ट इस दौरान यह भी सुनिश्चित करता है कि बच्चे को गोद लेने वाले में चाहे वो माता हो या पिता की उम्र बच्चे से 21 वर्ष अधिक होनी चाहिए।

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