शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

2020 तक सौर ऊर्जा से होगा एक लाख मेगावाट बिजली उत्पादन: जावड़ेकर

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

केंद्रीय पर्यावरण-वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि वर्ष 2020 तक भारत सौर ऊर्जा की मदद से एक लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा। यह कदम जलवायु परिवर्तन के बढ़ रहे खतरे को कम करने में भारत के योगदान के तौर पर उठाए गया है। यह बातें केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने मंगलवार को यहां राजधानी में ‘जलवायु नीति और राष्ट्रीय योगदान’ विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में कही। इस सम्मेलन का आयोजन ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद द्वारा किया गया था।
उन्होंने कहा कि भारत, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बेहद गंभीर और प्रतिबद्ध है। हम स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं, जिसकी मदद से इस समस्या से कारगर ढंग से निपटने में मदद मिलेगी। सौर ऊर्जा के अलावा पवन ऊर्जा, जल संरक्षण, समुद्रतटीय और हिमालयी पारिस्थितिकीय संरक्षण संबंधी अन्य महत्वपूर्ण पहलुआें के जरिए भी हमने पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी है। सतत विकास की दिशा में उठाए जा रहे प्रयासों को संतुलित करने पर भी हमारा जोर है। बीते दिनों पर्यावरण मंत्री ने एक कार्यक्रम से इतर कहा था कि जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने को लेकर भारत पुराने स्टैंड पर कायम है। हमारा मानना है कि इससे निपटने को लेकर विकसित देशों की ज्यादा
जिम्मेदारी बनती है वो ही इसके लिए विकासशील देशों को ज्यादा मदद मुहैया कराए। साफ तौर पर जलवायु परिवर्तन को बढ़ाने में विकसित देशों की ही भागीदारी रही है।

गौरतलब है कि इस कार्याशाला का आयोजन पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 2015 से पहले और बाद में भारत की जलवायु परिवर्तन रणनीति के बारे में विचार-विमर्श शुरू करने को लेकर किया गया था। इसमें परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, निम्न कार्बन परिवहन विकल्पों, हाइड्रोफ्लोरोकार्बन, कार्बन कैप्चर और भंडार जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की गई जो भारत की जलवायु नीति के लिए बेहद अहम हैं। ।

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