शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

रक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई को सौंपा ‘वीरगाथा’ का ड्राफ्ट

कविता जोशी.नई दिल्ली

रक्षा मंत्रालय ने देश की आजादी में अपना योगदान देने वाले सेनानियों को लेकर तैयार किए गए एक विस्तृत ड्राμट को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को सौंप दिया है। इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के अलावा मंत्रालय ने आजादी के बाद मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ी गई जंगों में शहीद हुए जाबांजों को शामिल किया है। दरअसल मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्वतंत्रता सेनानियों और आजादी के बाद की लड़ाईयों में योगदान देने वाले शहीदों को लेकर वीरगाथा नामक एक पुस्तक तैयार करवा रहा है, जिसमें रक्षा मंत्रालय सहयोग कर रहा है। रक्षा मंत्रालय ने सौंपा ड्राफ्ट रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि इस बाबत एक वृहद ड्राफ्ट हाल ही में उन्होंने सीबीएसई को सौंप दिया है। सीबीएसई और एनसीईआरटी
मिलकर इस ड्राफ्ट को किताब का रूप देंगे। इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि एचआरडी मंत्रालय वीरगाथा नामक इस पुस्तक को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल कर सकती है, जिससे युवा पीढ़ी को देश को आजादी दिलाने वाले वीरों के योगदान के बारे में जानकारी दी सके।

एचआरडी ने एनसीईआरटी को जोड़ा
राजधानी में मंगलवार को हुई राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की 52 वीं जनरल काउंसिल मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस कार्य में एनसीईआरटी को भी योगदान करना होगा जिसमें वो रक्षा मंत्रालय से विचार विमर्श कर सकते हैं।

महिलाआें की संख्या कम
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि स्वतंत्रता सेनाआें की सूची में महिलाओं की संख्या कम है। लेकिन उसके अलावा उन्होंने इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के अलावा आजादी के मातृभूमि की रक्षा में लड़ी गई लड़ाईयों में शहीद होने के बाद वीरता पुरस्कारों से सम्मानित रणबांकुरों को शामिल किया है। हरिभूमि को मिली जानकारी के मुताबिक स्वतंत्रता संग्राम में कुल 12 महिलाओं का योगदान इतिहास में चर्चित रहा है। इसमें रानी लक्ष्मीबाई, कस्तूरबा गांधी, कमला नेहरू, विजय लक्ष्मी पंडित, सुचेता कृपलानी, अरूणा आसफ अली, सरोजनी नायडू, बेगम हजरत महल, मैडम भीकाजी कामा, एनी बेसेंट, दुर्गाबाई देशमुख, उषा मेहता सावित्रीबाई फुले शामिल हैं।

शिक्षा नीति पर मंत्रणा शुरू करे एनसीईआरटी
केंद्रीय एचआरडी मंत्री ने एनसीईआरटी से राष्ट्रीय शिक्षा नीति और पाठ्यक्रम में बदलाव के मसले पर तमाम हितधारकों और राज्यों से विचार-विमर्श की शुरूआत करने को कहा है। विचार-विमर्श की इस प्रक्रिया को आगामी अगस्त महीने में पूरा करके सितंबर महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

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