एक ओर सरकार अपनी योजनाओं और नीतियों को जनता तक तेजी से पहुंचाने को लेकर सभी मंत्रालयों के नौकरशाहों और पीआईबी के अधिकारियों के साथ कार्यशालाएं करने में मशगूल है। वहीं उसके अपने ही बड़े हाई-प्रोफाइल मंत्रालय को लंबे समय से एक अदद पूर्णकालिक सूचना अधिकारी (आईओ) की दरकार है। हो भी क्यों ना बिना सूचना अधिकारी के मीडिया पब्लिसिटी और प्रबंधन संभव ही नहीं है। यहां बात केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की हो रही है। नई सरकार गठन के बाद से लेकर अब तक तीन सूचना अधिकारी एचआरडी से रूखसत हो चुके हैं। सबसे अंत में मंत्रालय का कामकाज छोड़कर जाने वाली सूचना अधिकारी मौसमी चक्रवर्ती को गए तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। लेकिन अभी तक किसी नए अधिकारी की नियुक्ति नहीं की गई है। अंशकालिक तौर पर पीआईबी की एक ज्यूनियर अधिकारी को मंत्रालय की पब्लिसिटी का काम सौंपा गया है। लेकिन बिना पूर्णकालिक अधिकारी की नियुक्ति के इस काम को पूरी तरह से परवान चढ़ाना दूर की कौड़ी से कम नहीं जान पड़ता।
शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015
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