सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

अमेरिकी कंपनियों की एरो इंडिया 2015 में मचेगी धूम

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

बैंग्लुरु में 18 फरवरी से शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय वैमानिक शो एरो इंडिया 2015 में अमेरिका की बाकी देशों की तुलना में ज्यादा बड़ी भागीदारी देखने को मिलेगी। अमेरिका के अलावा समारोह में 32 देश शामिल होने जा रहे हैं। लेकिन शीर्ष में अमेरिका कंपनियां ही बनी हुई हैं। यहां सोमवार को इस समारोह से पूर्व में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन सचिव जी.मोहन कुमार ने कहा कि अमरिका की एरो इंडिया में 64 कंपनियां भाग लेंगी। इसके बाद दूसरे नंबर पर फ्रांस है, जिसकी 54 कंपनियां शामिल होंगी। तीसरी स्थान पर यूनाइटेड किंगडम है, जिसकी 48 कंपनियां, चौथे स्थान पर रूस की 41 कंपनियां शामिल होंगी। इसके अलावा जर्मनी की 17, इजराइल की 25, यूक्रेन की 6, स्वीडन की 6, जापान की 3, इटली की 3, आॅस्ट्रेलिया की 2, कनाड़ा की 2, द.कोरिया की 2, यूएई की 2 कंपनियां कार्यक्रम में शिरकत करेंगी। बीते एरो इंडिया शो 2013 में 29 देशों ने शिरकत की थी।

रक्षा उत्पादन सचिव ने कहा कि यह एरो इंडिया का 10 वां एडीशन है। इसकी शुरूआत वर्ष 1996 में हुई थी। कार्यक्रम में 266 भारतीय कंपनियां, 328 विदेशी कंपनियां शामिल होंगी। इस बार एयरफोर्स स्टेशन येहलंका में यह शो 24 हजार 403 स्क्वायर किमी. भू-भाग पर होगा। 72 विमान, डेढ़ लाख बिजनेस विजिटर्स, 25 देशों के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल, 9 देशों के रक्षा मंत्री स्तर के प्रतिनिधिमंडला, 9 देशों की सेनाआें के प्रमुख स्तर के प्रतिनिधिमंडल, 38 सचिव स्तर के प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे। अमेरिका, यूके, स्वीडन, चेक-रिपब्लिक की एरोबेटिक टीमें समारोह का हिस्सा बनेंगी।

‘मेक इन इंडिया’ को लेकर पहली बार डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इंवेस्टर समिट एंड ग्लोबल सीईओज कॉंफ्रेंस होगी। इसमें भारतीय उद्योग जगत से 150 सीईओ, 150 विदेशी उद्योगों के सीईओ को आमंत्रित किया गया है। इस सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे और सत्र की अध्यक्षता रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर करेंगे। सत्र के लिए भारतीय उद्योग जगत से टाटा, एल एंड टी, महिंद्रा, अड़ानी, भारत र्फोज को आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा सशस्त्र सेनाओं-बलों के प्रमुखों समेत गेस्ट स्पीकरों में फिक्की, एसोचैम, सीआईआई, पीएचडी के अध्यक्ष शामिल होंगे। इंडो-इजराइल, इंडो-यूके, इंडो-पोलिश के साथ गोलमेज वार्ता होगी। मेक इन इंडिया अभियान में भागीदारी करने के लिए गुजरात, कर्नाटक, केरल विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) पवेलियन लगाएंगे। यह कवायद राज्य निवेश को आकर्षित करने के लिए करेंगे। साइबर सिक्योरिटी इन डिफेंस, एरोस्पेस एंड सिविल ऐवीऐशन, इंटीग्रेटिंग एरोस्पेस इंडस्ट्री इनटू अ ग्लोबल सप्लाई चेन विषयों पर कार्यशालाएं होंगी।

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