सोमवार, 23 फ़रवरी 2015

कल्पना के सहारे लक्षद्वीप के चक्रवात प्रभावितों की मदद करेगी नौसेना

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

लक्षद्वीप में नौसेना का ह्युमेनिटेरियन अस्सिटेंस्ड डिजास्टर रिलीफ (एचएडीआर) अभ्यास 15 फरवरी तक चलेगा। इसमें नौसेना की मुंबई स्थित पश्चिमी कमांड और विशाखापट्टनम स्थित पूर्वी कमांड के लगभग 20 जंगी जहाज भाग लेंगे। यहां नौसेना मुख्यालय में मौजूद नौसेना के सूत्रों का कहना है कि इस अभ्यास में लक्षद्वीप में चक्रवात के प्रकोप की कालपनिक कल्पना को आधार बनाते हुए जरूरी मदद मुहैया कराने का नौसेना अभ्यास करेगी। इस कल्पना में नौसेना यह मानकर मदद करगी कि लक्षद्वीप पर चक्रवात आने से बहुत नुकसान पहुंचा है। यातायात के सभी प्रमुख मार्ग टूट गए हैं, संचार माध्यम ठप पड़े हैं, जान-माल का व्यापक नुकसान हुआ है। नौसेना के तमाम बड़े जंगी जहाज इस अभ्यास में लक्षद्वीप में चक्रवात प्रभावितों को तुरंत मदद पहुंचाने के लिए मेडिकल कैंप लगाने, सड़कों से पेड़ हटाने, संचार तंत्र को दुरुस्त करने, लोगों को चिकित्सा सुविधा देने, बेधर हुए लोगों तक भोजन पहुंचाने से लेकर प्रभावितों तक हर संभव मदद पहुंचाने का अभ्यास करते हुई नजर आएंगे।

गौरतलब है कि इस अभ्यास की शुरूआत लक्षद्वीप में 9 फरवरी से हुई और इसका समापना 15 फरवरी को होगा। अभ्यास में लक्षद्वीप के करावती, अगाती और कल्पेनीएंड अंद्रोथ द्वीप को शामिल किया गया है। नौसेना ने इससे पहले मॉले के सामने उठ खड़े हुए साफ पानी के संकट के समय भी मदद पहुंचाई थी। इस दौरान नौसेना ने अपने दो जंगी जहाजों से 10 दिन के अंदर मॉले को 2 हजार टन पानी पहुंचाया था। इसके अलावा नौसेना ने वर्ष 2004 की हिंद महासागर में आई सुनामी, वर्ष 2006 के लेबनान और वर्ष 2011 के लीबिया संकट में भी अतिशीध्र मदद पहुंचाई।

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