शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

आॅपरेशन राहत के नाम से चलेगा यमन अभियान

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

यमन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत की ओर से अभियान तेज कर दिया गया है। सरकार ने इस अभियान को आॅपरेशन राहत का नाम दिया है। नौसेना के दो जंगी जहाज आईएनएस मुंबई (डिस्ट्रायर) और तरकस (स्टेल्थ फ्रिगेट) सोमवार शाम जिबूती बंदरगाह के लिए रवाना हो गए हैं। इसके अलावा नौसेना का एक अन्य जहाज आईएनएस सुमित्रा अदन की खाड़ी में दाखिल होने के लिए वहां के स्थानीय स्तर पर मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है। इसके बाद वो अदन के बंदरगाह से होते हुए जिबूती पहुंचकर वहां मौजूद भारतीयों की सुरक्षित वापसी के अभियान का आगाज करेगा। इसके अलावा दो यात्री जहाज कवाराती और कोर्रल्स ने 30 मार्च को कोचीन से अपनी यात्रा शुरू कर दी थी। यह सभी जहाज अरब सागर में एक जगह पर इकट्टा होकर जिबूती बंदरगाह की ओर संयुक्त अभियान के तहत आगे बढ़ेंगे। यहां बता दें कि बाकी चार जहाज 4 अप्रैल को जिबूती पहुंचेंगे।

योजना के मुताबिक सुमित्रा अदन से करीब 400 लोगों को लेकर जिबूती पहुंचाएगा। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि नौसेना के आईएनएस मुंबई और तरकस इस बेड़े को सुरक्षा कवच भी प्रदान करेगा। अब तक इस अभियान में कुल 5 जहाज शामिल हो चुके हैं। नौसेना के दो जहाजों आईएनएस मुंबई और तरकस की रवानगी की पुष्टि मंगलवार को उप-नौसेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने वाले वाइस एडमिरल पी.मुरूगेशन ने भी पुष्टि की है। यह दोनों जहाज दल में शामिल तीन अन्य जहाजों की समुद्री डाकुआें से भी सुरक्षा करेंगे।

वायुसेना भी यमन में जारी हिंसा के बीच फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी के अभियान में शामिल होने को पूरी तरह से मुस्तैद है। उसके दो विशालकाय अत्याधुनिक परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर पालम हवाईअड्डे पर स्टैंडबॉय स्थिति में तैनात है। सरकार की ओर से उड़ान भरने का ग्रीन सिगनल मिलने के बाद वो जिबूती की ओर अपनी उड़ान शुरू कर देंगे। गौरतलब है कि यमन में करीब 4 हजार भारतीय फंसे हुए हैं। इसमें यमन की राजधानी सना में 3 हजार 500 लोग, अदन में करीब 500 लोग मुसीबत में हैं। फंसे हुए लोगों में आधी संख्या यानि 50 फीसदी महिलाएं हैं। इसके अलावा कुछ लोग यमन के अस्पतालों में भी शरणागत हैं। मुंबई से रवाना दोनों नौसैन्य जहाजों को जिबूती पहुंचने में करीब 4 दिन का समय लगेगा। नौसेना का यह अभियान करीब 4 हजार किमी. के इलाके में चल रहा है।

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