शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

सप्ताह भर चलेगा डॉर्नियर के लापता अधिकारियों को ढूंढने का अभियान

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

मंगलवार रात गोवा से दक्षिण-पश्चिम में करीब 25 नॉटिकल मील दूर दुर्घटनाग्रस्त हुए नौसेना के निगरानी विमान डॉर्नियर से लापता हुए दो अधिकारियों को ढूंढने के लिए आगामी सप्ताह भर तक राहत एवं बचाव अभियान चलेगा। यहां नौसेना मुख्यालय में मौजूद नौसेना के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि इस अभियान की समय-सीमा और बढ़ाई जा सकती है। उधर नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर.के.धोवन ने गोवा जाकर लापता अधिकारियों को ढूंढने के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत अभियान का जायजा लिया और विमान में सवार चालक दल के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की। इसके बाद एडमिरल धोवन ने दिल्ली लौटने से पहले हादसे में सुरक्षित बचे अधिकारी विमान के कमांडर निखिल कुलदीप जोशी से कारवार स्थित नौसैना के पातांजलि अस्पताल जाकर मुलाकात की।

हादसे से जुड़े कारणों की पड़ताल के लिए नौसेना ने जांच (बोर्ड आॅफ इंक्वारी) शुरू कर दी है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही घटना के वास्तविक कारणों का पता लगेगा और उनके बारे में कोई टिप्पणी की जा सकेगी। गौरतलब है कि नौसेना में यह डॉर्नियर विमान से जुड़ा पहला हादसा है। 1990 के दशक की शुरूआत में यह विमान नौसेना में शामिल हुए थे। इस वक्त नौसेना के पास करीब 40 डॉर्नियर विमान हैं।

यहां बता दें कि यह विमान मंगलवार रात को अपनी नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था। गोवा के नौसैन्य स्टेशन से विमान का संपर्क रात 10 बजकर 08 मिनट पर टूटा। इसके बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ जिसमें दो पॉयलट और एक महिला अधिकारी (आॅबजर्वर) भी सवार थे। हादसे में बचे एक अधिकारी को नौसेना के कारवार स्थित पातांजलि अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे में उन्हें गंभीर चोटें आई हैं। लेकिन फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। कमांडर जोशी को रात में समुद्र में विचरण कर रही मछली पकड़ने वाली नौका में सवार मछुवारे ने बचाया। उसी ने नौसेना के फॉस्ट इंटरसेप्टर क्राफट्स (एफआईसी) को फोन करके इस अधिकारी के बारे में सूचना दी।

यहां बता दें कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले के बाद से केंद्र सरकार की ओर से समुद्र तटीय सुरक्षा को पुख्ता करने के कई इंतजाम किए गए हैं, जिसमें से एक में मछुवारों को आपात स्थिति में एफआईसी नौकाओं को तुरंत सूचना देने के लिए 4 अंकों का नंबर दिया गया है। इसके जरिए ही मछुवारे ने फोन करके सूचना दी। कमांडर जोशी एक अनुभवी पॉयलट हैं और उन्हें करीब 4 हजार घंटे की उड़ान का लंबा अनुभव है। सूत्र ने कहा कि नौसेना ने बचाव एवं राहत कार्य के लिए नौसेना के 8 जहाज और 4 विमान तुरंत रवाना कर दिए गए हैं। वर्तमान में 12 जहाज इस कार्य में लगे हुए हैं, जिसमें 2 जहाज तटरक्षकबल के हैं।

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