शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

न्यूयार्क में नहीं मिलेंगे भारत-पाक के सेनाप्रमुख

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत-पाकिस्तान के राष्ट्रप्रमुखों और सेनाप्रमुखों के मेल-मुलाकात की खबरें अखबारों की हैडिंग से लेकर टीवी कैमरों की पहली क्लिक में शामिल रहती हैं। लेकिन शुक्रवार 27 मार्च को न्यूयार्क में होने वाले सेनाप्रमुखों के अंतरराष्टÑीय सम्मेलन में शायद खबरनवीसों को यह शानदार मौका नसीब नहीं होगा। क्योंकि इस सम्मेलन में पाकिस्तान के सेनाप्रमुख जनरल राहिल शरीफ शामिल नहीं होंगे। भारत की ओर से सेनाप्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग बैठक में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंच चुके हैं। 28 मार्च को सेनाप्रमुख स्वदेश के लिए रवाना होंगे।

यहां सेना मुख्यालय में मौजूद सेना के सूत्रों ने कहा कि ‘चीμस आॅफ डिफेंस कॉंफ्रेंस’ नामक इस सम्मेलन में कई देशों के सेनाप्रमुख हिस्सा लेंगे। इसमें अमेरिका सहित यूरोपीय यूनियन के कई देशों के अलावा दक्षिण-एशिया से भारत और चीन के सेनाप्रमुख शामिल होंगे। पाकिस्तान की ओर से सम्मेलन में लेफ‍िटनेंट जनरल रैंक के अधिकारी शामिल होंगे। सेनाप्रमुख दलबीर सिंह सुहाग 25 मार्च को अमेरिका रवाना हो गए थे। 26 मार्च को उन्होंने दो कार्यक्रमों में भाग लिया। इसमें उनकी पहली मुलाकात संयुक्त राष्ट्र के डिपार्टमेंट आॅफ पीसकीपिंग मिशन आॅपरेशंस के अंडर सेक्रेट्री जनरल हरवे लार्ड्सवडर्स से हुई और दूसरी मुलाकात संयुक्त राष्ट्र के डिपार्टमेंट आॅफ फ ील्ड सपोर्ट के अंडर सेक्रेट्री जनरल अतुल खरे से हुई।

आंकड़ों के हिसाब से देंखें तो दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए भारतीय सेना की संयुक्त राष्ट्र (यूएन) शांति-मिशन में सवार्धिक भागीदारी है। इस वक्त यूएन में भारत के 7 हजार 200 सैनिक अलग-अलग इलाकों में तैनात हैं। कांगों, दक्षिण सूडान, लेबनान और आइवरी-कोस्ट जैसी 4 जगहों पर यह सैन्य तैनाती है। इसके अलावा इराक, आइवरी-कोस्ट, सूडान, सोमालिया और पश्चिमी-सहारा में भारतीय सेना के आॅब्जवर्स और स्टॉफ अधिकारी तैनात हैं। लगभग 2 लाख सैनिक यूएन के शांति मिशन अभियानों में भाग ले चुके हैं, जिनमें से 148 मारे जा चुके हैं। भागीदारी की बात करें तो भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश के बाद संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन सेना में भागीदारी करने वाला दक्षिण-एशिया का तीसरा देश है।

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