मंगलवार, 17 मार्च 2015

देश में महिलाओं को साक्षर करने की चुनौती बरकरार

पुरूषों की तुलना में कम है महिलाआें में साक्षरता दर
कविता जोशी.नई दिल्ली

बीते वर्ष 26 मई को देश की सत्ता पर काबिज हुई राजग सरकार के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में आर्थिक समीक्षा 2014-15 का जो दस्तावेज रखा उसमें पुरूषों की तुलना में महिलाओं में शिक्षा की कमी की चुनौती का बने रहना स्वीकार किया है। दस्तावेज के मुताबिक वर्ष 2011 की जनगणना में देश में कुल 73 फीसदी साक्षरता प्राप्त हुई है। इसमें पुरूषों के 80.9 फीसदी के मुकाबले महिलाओं में साक्षरता की दर 64.6 फीसदी पर बनी हुई है। इन आंकड़ों के हिसाब से पुरूषों और महिलाओं के बीच साक्षरता की दर का अंतर लगभग 20 फीसदी का बना हुआ है।

इससे इतर आर्थिक समीक्षा का एक रोचक तथ्य यह भी सामने आया है कि पुरूषों में महिलाओं की तुलना में साक्षरता की दर तो अधिक है लेकिन महिलाओं में इसमें ज्यादा तेजी से इजाफा हुआ है। पुरूषों में साक्षरता की दर 5.6 फीसदी के हिसाब से बढ़ी जबकि महिलाओं में यह 10.9 के हिसाब से बढ़ी है। समीक्षा में सरकार शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से बेहतर करने और उच्च-शिक्षा को रोजगारोनोमुखी बनाने के लक्ष्य को साफ तौर पर इंगित करती हुई नजर आ रही है। देश की उच्चतर शिक्षा प्रणाली विश्व में सबसे बड़ी शिक्षा प्रणलियों में से एक है। वर्ष 2013-14 में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों व डिप्लोमा स्तर के संस्थानों की संख्या बढ़कर क्रमश: 713, 36 हजार 739, 11 हजार 343 हो गई है। सरकार चाहती है कि मांग को आपूर्ति के बराबर किए जाने और रोजगार के अवसरों के हिसाब से शिक्षा नीति में बड़े बदलाव लाए जाने की जरूरत है।

भ्रूण हत्या और महिला साक्षरता दर बढ़ाने के लिए केंद्र द्वारा शुरू की गई ‘बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ’ योजना का जिक्र करते हुए कहा है कि इसका उद्देश्य समाज की मानसिकता बदलना व जागरूकता फैलाना है। इससे लड़कियों की शिक्षा व अन्य संबंधित मुद्दों का समाधान हो जाएगा। समीक्षा बताती है कि भारत में शिक्षा प्रणाली के समग्र मानक ग्लोबल मानकों के हिसाब से बेहद नीचे हैं। प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर पढ़ने-सीखने और गणितीय दक्षता का एक माहौल बनाने के लिए पढ़े-भारत बढ़े-भारत नामक पहल एक अच्छा कदम है। शिक्षा में कौशल कारक और शैक्षणिक सुधार से जुड़ी तमाम योजनाआें को आर्थिक समीक्षा में शामिल किया गया है।

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