मंगलवार, 17 मार्च 2015

रक्षा विभाग चमकाने को यूजीसी ने मंगवाए प्रस्ताव

कविता जोशी.नई दिल्ली

देश में रक्षा शोध व अनुसंधान का स्तर सुधारने के लिए रक्षा मंत्रालय ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए देश के कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों में रक्षा और सामरिक मामलों के विभागों को उन्नत बनाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने पांच प्रमुख विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव मंगवाए हैं, जिसमें इलाहबाद विश्वविद्यालय, मद्रास विश्वविद्यालय, पुणे विश्वविद्यालय, मणिपुर विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय शामिल हैं।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के कहा कि यूजीसी ने स्नातक-पूर्व/स्नातकोत्तर और एम फिल/ पीएचडी स्तर पर रक्षा और सामरिक अध्ययन के मौजूदा पाठ्यक्रम की समीक्षा करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है। यूजीसी ने 12 वीं योजना (2012-17) अवधि के दौरान देश में 10 विश्वविद्यालयों में रक्षा और सामरिक अध्ययनों के विभाग को उन्नत बनाने के लिए सहायता देने का निर्णय भी लिया है। शुरूआत में पांच विश्वविद्यालयों से रक्षा और सामरिक अध्ययन के मौजूदा को उन्नत बनाने के लिए प्रस्ताव मंगाए हैं।

गौरतलब है कि रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) देश में रक्षा और सामरिक अध्ययन के क्षेत्र में विशेषज्ञ शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालयों/अकादमियों के साथ कार्य कर रहा है। इसके अलावा यूजीसी ने कॉलेज स्तरीय पाठ्यक्रमों में रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कैरियर ओरियंटेड कोर्सेज को लागू किया है। इसमें बीए, बीकॉम, बीएससी जैसे कोर्सेज में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा स्तर के कोर्स शामिल है। जो कॉलेज/विश्वविद्यालय इसे लागू करेंगे उन्हें पांच साल के लिए ह्युमेनिटीज और कॉमर्स कोर्सेज के लिए यूजीसी 7 लाख और साइंस कोर्सेज के लिए 10 लाख का अनुदान देगी। अभी तक 6 विश्वविद्यालयों और 516 कॉलेजों को यूजीसी ने इस योजना के तहत 793 कार्सेज चलाने के लिए मंजूरी दी है।

यूजीसी ने कॉलेजों में कम्युनिटी कॉलेजों के जरिए उद्योगों के साथ टाइअप करके स्किल आधारित वोकेशनल शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए के्रडिट बेस्ड मॉड्यूलर प्रोगाम्स को शुरू किया है। अभी तक दिशानिर्देंशों के मुताबिकों यूजीसी ने 157 संस्थानों को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत 76 स्किल क्षेत्रों की आवश्यकताआें की पूर्ति की जा सकती है।

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