मंगलवार, 17 मार्च 2015

राष्ट्रपति करेंगे प्रथम विश्वयुद्ध के शताब्दी समारोहों का आगाज

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

प्रथम विश्वयुद्ध के शताब्दी समारोहों की सोमवार से भारत में औपचारिक शुरूआत हो जाएगी। यहां सोमवार को सुबह साढ़े ग्यारह बजे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर 100 वर्ष पहले हुए ऐतिहासिक युद्ध में बलिदान देने वाले भारतीय शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। राजधानी में मौजूद सेना के सूत्रों ने कहा कि इस अवसर पर प्रथम विश्वयुद्ध में योगदान करने वाले दुनिया के अन्य देशों के राजदूत, उच्चायुक्त, सैन्य-अधिकारी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मौजूद रहेंगे।

गौरतलब है कि प्रथम विश्वयुद्ध में भारतीय सेना एक स्वैच्छिक सेना के तौर पर ब्रिटिश साम्राज्य के अंग के रूप में शामिल हुई थी। क्योंकि उस वक्त देश आजाद नहीं हुआ था। सेना मुख्यालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के हिसाब से भारत से करीब 1.5 मिलियन सैनिक युद्ध में ब्रिटिश साम्राज्य की ओर से दुनिया के अलग-अलग भागों में लड़ाई लड़ने के लिए भेजे गए थे। इस दौरान लड़ाई में लगभग 74 हजार सैनिकों ने अपनी जान गंवाई थी। इनकी याद में अंग्रेजों ने इंडिया गेट पर युद्ध स्मारक का निर्माण करवाया था।

आयोजनों की इस कड़ी में मंगलवार को सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे। इसके बाद 4 बजे उप-सेनाप्रमुख युद्ध समाधिस्थल बरार स्क्वॉयर, दिल्ली कैंट से सेवानिवृत अधिकारियों की दौड़ को हरिझंडी प्रदान करेंगे। यह दौड़ धौलाकुंआ के पास स्थित मानेकशॉ सेंटर पर आकर खत्म होगी। इसके बाद 6 बजे राष्टÑपति प्रणब मुखर्जी मानेकशॉ सेंटर युद्ध से जुड़ी प्रदर्शनियों को उद्घघाटन करेंगे। 11 मार्च को प्रदर्शनी को शाम 4 से 6 बजे के बीच आम-पब्लिक के लिए खोला जाएगा। 12 मार्च को प्रदर्शनी को शाम 4 से 7 बजे तक स्कूल और कॉलेज के बच्चों (गैलेंट्री हॉल, सेकरीफाइज हॉल, आॅउटडोर एक्जीबीसन) के लिए खोला जाएगा। 7 से 8 बजे का समय सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए तय किया गया है। 13 मार्च को समारोहों के समापन वाले दिन प्रदर्शनियों को आम जनता के अलावा सैन्य अधिकारी, सेवानिवृत
अधिकारी अपने परिवार के सदस्यों के साथ देख सकेंगे। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें