मंगलवार, 17 मार्च 2015

बिना बिजली के चल रहे 5 लाख से अधिक सरकारी स्कूल

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

एक ओर केंद्र सरकार स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च-शिक्षा का तेजी से कायाकल्प करने को लेकर आकर्षक योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में लगी हुई है। वहीं देश में 5 लाख से अधिक सरकारी स्कूल ऐसे हैं जो अंधेरे में चल रहे हैं और वहां बिजली तक नहीं पहुंच पाई है। इस मामले में मध्य-प्रदेश अव्वल है। राज्य के कुल 98 हजार 290 स्कूल बिना बिजली के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। बिजली विहीन स्कूलों के मामले में बड़ी जनसंख्या वाला राज्य उत्तर-प्रदेश भी शामिल है। यहां के 86 हजार 148 स्कूल बिना बिजली के चल रहे हैं। यह जानकारी हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में सांसद आयनुर मंजूनाथा और विजय जवाहरलाल दर्डा के प्रश्न के लिखित जवाब में दी।

अपने जवाब में ईरानी ने सदन को बताया कि देश के कुल 30 राज्यों में बिना बिजली के 5 लाख 57 हजार 882 सरकारी स्कूल चल रहे हैं। इसमें छत्तीसगढ़ में 22 हजार 427 सरकारी स्कूल बिना बिजली के चल रहे हैं। हरियाणा में यह आंकड़ा 214 है। इसके अलावा बिहार में 68 हजार 976 सरकारी स्कूल बिना बिजली के चल रहे हैं। पश्चिम-बंगाल में बिजली विहीन स्कूलों का आंकड़ा 49 हजार 286 पहुंच गया है। जम्मू-कश्मीर में ऐसे स्कूलों की संख्या 20 हजार 409 है। ओडिशा में 43 हजार 971 स्कूल बिना बिजली के चल रहे हैं। राजस्थान के 51 हजार 933 सरकारी स्कूल बिना बिजली के चल रहे हैं।

नकस्लवाद प्रभावित झारखंड में 37 हजार 96 स्कूलों में बिजली की सुविधा नहीं है। असम में 41 हजार 670 स्कूल ऐसे हैं, जहां बिजली नहीं है। गुजरात में बिजली विहीन स्कूलों का आंकड़ा 100 से नीचे 97 है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत राज्यों को हर साल अपने यहां स्कूलों में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए आर्थिक अनुदान राशि दी जाती है। लेकिन इसके बावजूद इतने स्कूलों में बिजली ना पहुंचना चिंताजनक है।

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