मंगलवार, 17 मार्च 2015

सेना के मारक बेड़े की शान बढ़ाएगी ‘आकाश मिसाइल’

कविता जोशी.नई दिल्ली

थलसेना के बेड़े में जल्द ही एक बेहद अचूक मारक अस्त्र शामिल होने वाला है, जिसे हम मध्यम दूरी की आकाश मिसाइल (एसएएम) के नाम से जानेंगे। इस महीने के अंदर आकाश मिसाइल को सेना में शामिल कर लिया जाएगा। हरिभूमि को मिली जानकारी के मुताबिक सेना को कुल 12 आकाश मिसाइलें मिलेंगी।

पूरी तरह से स्वदेशी
रक्षा मंत्रालय में मौजूद उच्चपदस्थ सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि आकाश मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारत डॉयनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद (बीडीएल) ने मिलकर तैयार किया है। इस मिसाइल से जुड़े सभी फील्ड परीक्षण पूरे हो गए हैं और अब मार्च महीने के अंदर इसे सेना को सौंपने की तैयारी चल रही है।

आकाश की खुबियां
मध्यम दूरी की आकाश मिसाइल जमीन से हवा (एसएएम) में प्रहार करने वाली मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 25 किमी. है। पहाड़ी युद्धक मोर्चा पर ऊंचाई के हिसाब से यह मिसाइल सतह से 20 किमी. तक ऊपर उठकर दुश्मन के ठिकानों पर सीधे अपने प्राणघातक वार से निशाना लगा सकती है। एयर डिफेंस कवच के लिए जरूरी दुश्मन के साथ लड़ाई के वक्त अपने रडारों, पुलों, सैन्य मुख्यालयों जैसे जरूरी सामरिक-रणनीतिक ठिकानों की हिफाजत के लिए सेना एयर डिफेंस कवच बनाती है। इस कवच में मिसाइलों की बेहद अहम भूमिका होती है। आकाश मिसाइल भी सेना के इसी महत्वपूर्ण एयर डिफेंस कवच का हिस्सा बनेगी।

1996-97 के बाद से नहीं खरीदी मिसाइल
भारत का मिसाइल कार्यक्रम बेहद पुराना है। वर्ष 1996-97 के बाद से लेकर अब तक कोई भी मिसाइल सेना के लिए खरीदी नहीं जा सकी है। सेना एसएएम की चार श्रेणियों को अपने बेड़े में शामिल करने की योजना बना रही है। इसमें बेहद कम दूरी, मध्यम दूरी, कम दूरी और तुरंत प्रतिक्रिया (क्विक रिएक्शन मिसाइल) करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। इनमें मध्यम दूरी की आकाश मिसाइल मार्च में सेना में शामिल हो जाएगी। बाकी के प्रशिक्षण चल रहे हैं।

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