शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

वियतनाम-फिलीपींस को नौसैन्य उपकरण सौंपेगा भारत!

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

भारत इन दिनों अपनी पूर्व की ओर देखो (एक्ट ईस्ट) नीति को तेजी से आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है। इसके तहत वियतनाम और फिलीपींस को जल्द ही नौसैन्य जहाज और हल्के युद्धपोत दिए जाएंगे। यह दोनों देश दक्षिण चीन सागर के उस विवादित द्वीपीय इलाके का हिस्सा है, जिसकी सीमाओं पर चीन ने नौ लघु रेखाएं (नाइन डैश) खींचकर अपना अकेला एकाधिकार घोषित किया हुआ है। चीन की इस दादागिरी को लेकर उसका वियतनाम, फिलीपींस,ब्रुनेई और ताइवान जैसे देशों के साथ सीमाई विवाद चल रहा है। ऐसे में भारत द्वारा नौसैन्य उपकरणों का निर्यात से इस जगह की गहमागहमी बढ़ा सकता है।

पूर्व की ओर देखो नीति
भारत ने अपनी पूर्व की ओर देखो नीति के तहत हाल में 1 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन जारी की है, जिसमें इन देशों दिए जाने वाले सैन्य-सामारिक उपकरण भी आएंगे। द.चीन सागर में चल रहे सीमाई विवाद के बीच भारत की नीति अंतरराष्टÑीय समुद्र में किए जाने वाले व्यापार में सरल-सुविधाजनक आवाजाही (फ्रीडम आॅफ नेवीगेशन) की रही है। भारत का इस इलाके से होकर एशिया प्रशांत मार्ग पर 55 फीसदी व्यापार होता है।

ऐसा है वियतनाम का नौसैन्य जहाज
वियतनाम को भारत जो नौसैन्य जहाज दे रहा है वो विशेष एल्युमीनियम हल आधारित फास्ट पेट्रोल जहाज है। इसके लिए कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) वियतनाम को तकनीक निविदा सौंपेगा। यह जानकारी जीआरएसई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रियर एडमिरल (सेवानिवृत) ए.के. वर्मा ने यहां गुरुवार को राजधानी में आयोजित एक क कार्यक्रम में दी। उन्होंने कहा कि यह सभी जहाज 37 मी. लंबे और भारतीय युद्धपोतों से आकार में 13 मी. छोटे होंगे। वियतनाम ने इस तरह के 8 जहाजों की मांग की है। इसके अलावा भारत की फिलीपींस को हल्के युद्धपोत देने की भी योजना है।

मॉरीशस को सौंपेगा ओपीवी
भारत शानिवार 20 दिसंबर को मॉरीशस को एक समुद्री गश्ती जहाज (ओपीवी) सौंपेगा। यह पहला मौका होगा जब भारत का कोई शिपयार्ड किसी अन्य देश को नौसैन्य जहाज का निर्यात करेगा। आने वाले समय में इसमें तेजी देखने को मिल सकती है। इसे सीजीएस बाराकुडा (मॉरीशस आॅफशोर पैट्रोल वेसल, एमओपीवी) नाम दिया गया है। इस परियोजना पर कुल लागत 58.5मिलियन आई है। जहाज की लं. 74.10 मी., चौ. 11.40मी. है। 1350 टन के इस जहाज की समुद्री गति (स्पीड) 22नॉट्स है। इसका प्रयोग समुद्री चोरी, डैकेती, ड्रग्स की तस्करी रोकने से जुड़े गश्ती अभियानों में किया जाएगा। सर्च एंड रेसक्यु और हेलिकॉप्टर अभियानों, छोटी सैन्य टुकड़ी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए किया जाएगा।

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