रविवार, 21 दिसंबर 2014

अंतरराष्‍टीय मंच पर छाया रहा एचआरडी मंत्रालय!

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

इसी साल 26 मई को नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बनी नई बीजेपी सरकार का केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय काम को लेकर कम विवादों को लेकर ज्यादा चर्चा में रहा। लेकिन इन सबके बीच एक अच्छी खबर यह रही कि एचआरडी मंत्रालय शिक्षा के मामले में अंतरराष्टीय मंच पर गहरी छाप छोड़ने में कामयाब रहा। साल 2014 के समापन और नववर्ष के आगमन के बीच बचे कुछ दिनों के फासले में अगर अंतरराष्टीय मंच पर भारतीय शिक्षा व इससे जुड़े मुद्दों की पड़ताल करें तो यह काफी असरदार दिखाई दिए। अप्रैल से दिसंबर महीने के आते-आते एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी भारतीय शिक्षा तंत्र और उसे लेकर दुनिया के देशों से बराबर संवाद बनाए रखने में सफल रही। इनमें जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका, आॅस्ट्रेलिया, जापान, इजराइल के अलावा नेपाल, भूटान और बांग्लादेश जैसे निकट पड़ोसी देशों से किया गया मेल-मिलाप भी शामिल है।

मंत्रालय के सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि तेजी से अपने समापन की ओर बढ़ रहे साल 2014 में अक्टूबर महीने में भारत द्वारा ‘द साउथ एशियन एसोशिएसन फॉर रीजनल कॉपरेशन’ (सार्क) के देशों की दूसरी शिक्षा शिखर बैठक की मेजबानी करना एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। बैठक में भारत समेत श्रीलंका, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, मालद्वीप के शिक्षा मंत्री शामिल हुए। पड़ोसी पाकिस्तान की ओर से अपने उच्च-शिक्षा विभाग के अधिकारी को भेजकर खानापूर्ति की गई। बैठक के अंत में सार्क के तमाम सहयोगी देशों ने क्षेत्रीय स्तर पर शैक्षणिक सुधारों की रफतार बढ़ाने और शिक्षा से जुड़े सहस्राब्दि विकास लक्ष्य को एकजुट होकर हासिल करने को लेकर अपनी रजामंदी दी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने सिंगापुर, जापान, मलेशिया के शिक्षा और संस्कृति मंत्रियों से मुलाकात की। इसके अलावा इजराइल, नार्वे, फ्रांस, यूके, भूटान, लातिविया, नामीबिया और जर्मनी के उच्चायुक्तों, राजदूतों से मुलाकात कर शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर भारत की स्पष्ट राय रखी। इसके अलावा 23 से 26 नवंबर को यूनेस्को ने अंतरराष्टीय सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें शारिरिक रूप से विकलांग बच्चों को लेकर सटीक नीति बनाने और इन्हें असमानता के अंधकार से निकालकर समान अधिकार प्रदान करने को लेकर दुनिया के तमाम देशों ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। भारत की ओर से मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस अंतरराष्‍टीय सम्मेलन का सह-आयोजक बना।

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