रविवार, 17 मई 2015

भूकंप के समय जाम हुई टेलिफोन लाइनें!

वायुसेना ने शुरू किया बचाव अभियान
हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

राजधानी दिल्ली समेत समूचे देश में शनिवार सुबह महसूस किए गए भूकंप के तेज झटकों से हर तरफ अफरातफरी का माहौल बन गया। जो जहां था वहीं थम गया। कुछ देर के लिए टेलिफोन और मोबाइल फोन की लाइनें जाम हो गई। हर कोई एक-दूसरे के अपनों के सुरक्षित होने के बारे में जानकारी लेने लगा। भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 7.9 आंकी गई और इसका केंद्र नेपाल के काठमांडु में था। भूकंप का प्रभाव नेपाल समेत भारत के उत्तर, केंद्रीय और पूर्वी भारत के राज्य में देखने को मिला। नेपाल में भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा 876 तक पहुंच गया है।

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोपहर 3 बजे हुई आपात बैठक के बाद आए निर्देंश के तुरंत बाद वायुसेना ने युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव अभियान शुरू कर दिया। रक्षा मंत्रालय द्वारा ट्विटर पर दी गई जानकारी के मुताबिक नेपाल में राहत एवं बचाव अभियान मेंदोपहर बाद राजधानी दिल्ली से सटे हिंडन वायुसैनिक अड्डे से रवाना हुआ वायुसेना का विशालकाय मालवाहक विमान सी-130जे सुपर हरक्यूर्लिस 39 लोगों की राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ) की टीम और 3.5 टन वजनी राहत सामग्री के साथ काठमांडु पहुंच चुका है। इसके अलावा शाम में वायुसेना के 2 मालवाहक मी-17 हेलिकॉप्टरों ने उत्तर-प्रदेश के गोरखपुर से नेपाल के लिए उड़ान भरी। इसके अलावा वायुसेना भूकंप के दौरान मदद पहुंचाने के लिए 2 विशालकाय परिवहन विमानों सी-17 को हिंडन से और 1 आईएल-76 परिवहन विमान को पंजाब के भटिंडा से नेपाल भेजा गया है। उधर थलसेना नेपाल में राहत एवं बचाव अभियान में मदद पहुंचाने के लिए स्टैंडबॉय की स्थिति में है। जैसे की सरकार की ओर से ग्रीन सिग्नल मिलेगा सेना शामिल हो जाएगी।

गौरतलब है कि दिल्ली भूकंप के लिहाज से सिस्मिक जोन-4 में आती है। इसके ज्यादातर इलाकों में ऊंची बिल्डिंगों और भवनों का निर्माण बिना किसी पूर्व योजना के किया गया है। खासकर पूर्वी दिल्ली में यमुना नदी के तट के आस-पास काफी कंस्ट्रक्शन हुआ है। इसे भूकंप का तेज झटका एक बार ही तहस-नहस कर सकता है।

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