रविवार, 17 मई 2015

‘वन स्टॉप सेंटर योजना’ को लेकर जारी हुई गाइडलाइंस

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

महिलाओं के खिलाफ दर्ज किए जाने वाले आपराधिक मामलों का त्वरित निपटान करने के लिए देश में खोले जाने वाले वन स्टॉप क्राइसिस मैनेजमेंट सेंटर योजना का क्रियान्वयन तेज हो गया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस बाबत दिशानिर्देंशों का खाका तैयार कर लिया है। इन्हीं के मार्फत अब देशभर में इन केंद्रों को खोलने से लेकर इनसे जुड़ा हर छोटा-बड़ा काम किया जाएगा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सूत्रों ने हरिभूमि को बताया कि इन दिशानिर्देंशों के हिसाब से राज्य सरकार मंत्रालय के पास केंद्र खोलने को लेकर अपने प्रस्ताव भेजेंगी। इन प्रस्तावों का मूल्यांकन प्रोग्राम अपूवल बोर्ड (पैब) करेगा जिसकी अध्यक्षता मंत्रालय के सचिव स्तर के अधिकारी करेंगे।

पैब की स्वीकृति के बाद ही किसी प्रस्ताव पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पैब में सचिव के अलावा मंत्रालय से वित्तीय सलाहकार, विभाग के अतिरिक्त सचिव/संयुक्त सचिव, विभाग के निदेशक, राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा कोई अन्य विशेषज्ञ/ सांविधिक निकाय या आमंत्रित व्यक्ति बोर्ड का अध्यक्ष हो सकता है। यहां बता दें कि देश में कुल 36 क्राइसिस मैनेजमेंट केंद्र खोले जाने हैं। इस योजना का क्रियान्वयन 1 अप्रैल से शुरू हो गया है।

वन स्टॉप क्राइसिस मैनेजमेंट सेंटर एक ऐसा केंद्र होगा जहां पर घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं से लेकर यौन उत्पीड़न, मारपीट, अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर प्रताड़ित करने के अलावा महिलाआें से जुड़े हुए हर तरह के अपराधों की एक छत के नीचे पड़ताल की जाएगी। केंद्र की खास बात यह है कि इसमें दूर-दराज के इलाकों से आने वाली महिलाओं के लिए इस केंद्र में कुछ समय तक रुकने की भी व्यवस्था होगी। यहां पर पीड़ित महिला मनोचिकित्सक, डॉक्टर, वकील और पुलिस की सुविधा एकसाथ मिलेंगी।

गाइडलाइंस के हिसाब से ही केंद्र-राज्य सरकारें और तमाम सहयोगी एजेंसियां, विभाग मिलकर काम करेंगे। इनमें योजना के तहत दी जाने वाली सुविधाआें, अलग-अलग स्तरों पर क्रियान्वयन की निगरानी के लिए प्रयोग की जाने वाली प्रक्रिया, अनुदान राशि के वितरण की व्यवस्था, रिर्पोटिंग के अलावा केंद्र में न्याय पाने की उम्मीद लेकर पहुंची पीड़ित महिला के साथ कैसा व्यवहार किया जाना है को लेकर मानकों (स्टैंडर्ड आॅपरेंटिंग प्रोसिजर) का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।

गौरतलब है कि मंत्रालय की योजना हर राज्य में एक वन स्टॉप सेंटर खोलने की है। इसकी शुरूआत छत्तीसगढ़ के रायपुर से की जाएगी। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने हाल ही में पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि शुरूआत में हर राज्य में एक केंद्र खोला जाएगा। लेकिन बाद में इनकी संख्या में इजाफा किया जाएगा। हम चाहते हैं कि हर ब्लॉक में एक केंद्र हो। दिशानिर्देंशों में स्पष्ट है कि निर्भया फंड की धनराशि का इस्तेमाल इन केंद्रों के लिए किया जाएगा।

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