शुक्रवार, 15 मई 2015

सामान्य से कम बारिश का अनुमान, लेकिन सरकार पूरी तैयार

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

अप्रैल के महीने में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से त्रस्त किसानों को अब मानसून की बेरुखी का सामना भी करना पड़ सकता है। लेकिन सरकार का कहना है कि इसे लेकर चिंता करने की कोई बात नहीं है। क्योंकि कम मानसून से निपटने के लिए हमारी तैयारी पूरी है। यहां राजधानी में बुधवार को जून से सितंबर महीने के दौरान होने वाली मानसूनी बारिश का दीर्धावधि पूर्वानुमान (एलटीए) जारी करते हुए केंद्रीय विज्ञान-प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने कहा कि इस साल मानसून सामान्य से कम रहेगा। लेकिन इसे लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि सरकार ने मानसून की कमी से निपटने के लिए पूरे इंतजाम कर रखे हैं। उन्होंने कहा कि मानसून सीजन में औसत से कम बारिश होने के पीछे अल-नीनो का कारक जिम्मेदार हो सकता है।

मानसून का मिजाज
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बार सामान्य की तुलना में 93 (एलटीए) फीसदी बारिश होने की संभावना है। आंकड़ों के हिसाब से यह 35 फीसदी रहेगी। सामान्य बारिश होने की उम्मीद 28 फीसदी है। इस अनुमान में 5 फीसदी कम या ज्यादा रहने की संभावना रहती है। गौरतलब है कि मौसम विभाग ने बीते वर्ष 2014 में मौसम विभाग ने मानसून में सामान्य से 95 फीसदी कम बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया था। लेकिन वास्तविक बारिश 88 फीसदी के करीब रही।

क्या है अल-नीनो?
वैज्ञानिक अल-नीनो के दौरान समुद्र की सतह पर होने वाली गतिविधि को रेखांकित करते हुए कहते हैं कि इसमें समुद्र की सतह का पानी काफी गर्म हो जाता है। दूसरे शब्दों में सतही जल का तामपान बढ़ने लगता है, जिससे पानी समुद्र की सतह पर ही रह जाता है इस क्रम में समुद्र के नीचे का पानी ऊपर आने के प्राकृतिक क्रम में भी रूकावट पैदा होती है। यहां बता दें कि अल-नीनो दस साल में दो बार आता है। कभी-कभी यह प्रक्रिया तीन बार भी घटित होती है। अल-नीनो का एक प्रभाव यह भी देखा गया है कि इससे बारिश के पैटर्न में बदलाव देखने को मिलता है, जिसमें कम बारिश वाले क्षेत्रों में ज्यादा बारिश और ज्यादा वर्षा वाले क्षेत्रों में कम बारिश देखने को मिलती है। कभी-कभार परिस्थितियां बिलकुल बदली हुई नजर आती हैं।

अगला अनुमान जून में
मानसून को लेकर मौसम विभाग की ओर से अगला अनुमान जून महीने में जारी किया जाएगा। इसमें केरल में मानसून की दस्तक से लेकर इसकी आगे की दिशा के बारे में जानकारी दी जाएगी। विभाग मानसून से संबंधित एक व्यापक रिपोर्ट को अगले महीने 15 मई को जारी करेगा।

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