रविवार, 17 मई 2015

21 जाली विश्वविद्यालयों को लेकर यूजीसी सख्त, छात्र न लें दाखिला

कविता जोशी.नई दिल्ली

देश में चल रहे 21 जाली विश्वविद्यालयों को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सख्त हो गया है और उसने छात्रों से इनमें दाखिला न लेने को कहा है। उच्च-शिक्षा देने के मकसद से खोले गए इन संस्थानों को लेकर यूजीसी का कहना है कि ये विश्वविद्यालय यूजीसी के वर्ष 1956 के कानून का सीधा उल्लंधन कर रहे हैं। इसके अलावा ये स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों के जरिए छात्र-छात्राओं को डिग्रियां भी जारी कर रहे हैं। वास्तक में इन संस्थानों को डिग्री जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि इनकी स्थापना केंद्र-राज्य के कानून के अलावा यूजीसी के कानून के तहत नहीं की गई है।

यूजीसी की वेबसाइट पर मौजूद इस सूची में मध्य-प्रदेश का केसरवानी विद्यापीठ, जबलपुर भी शामिल है। इस सूची में दिल्ली के 5 विश्वविद्यालय भी हैं, जिनमें कर्मशियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, दरियागंज, यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी और इंडियन इंस्ट्टीट्यूट आॅफ साइंस एंड इंजीनियरिंग शामिल है। उत्तर-प्रदेश के सर्वाधिक 9 जाली विश्वविद्यालय भी यूजीसी की सूची में हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र, पश्चिम-बंगाल, तमिलनाडु, केरल और बिहार का एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय इसमें शामिल है। यहां बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी इस मामले पर काफी सख्त है। हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बाबत राज्यसभा में सांसदों को अवगत कराया था।

यूजीसी ने इस मामले पर छात्रों/ अभिभावकों और पब्लिक को इस बारे में अवगत कराने के लिए जारी विश्वविद्यालयों की सूची अपनी वेबसाइट पर जारी की है। इस तरह के विश्वविद्यालयों के खिलाफ यूजीसी कानून और भारतीय दंड संहित के तहत कार्रवाई की जाएगी। कुछ विश्वविद्यालयों और संस्थानों को लेकर यूजीसी ने न्यायालयों में मामले भी दर्ज कराए हैं। जहां तक इस तरह के संस्थानों को बंद करने का मामला है तो इसके लिए संबंधित राज्य सरकार को कार्रवाई करने का अधिकार है। आयोग ने इन 21 विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशकों और प्रमुखों को इन्हें बंद करने को लेकर लिखित में जानकारी दे दी है। राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को उनके एकाधिकार क्षेत्र में पड़ने वाले विश्वविद्यालयों-संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर रिमांडर भेजे जा चुके हैं।

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