रविवार, 2 नवंबर 2014

स्कूलों में टॉयलेट बनाने के काम में बढ़ेगी निजी क्षेत्र की भागीदारी!

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान को धरातल पर हकीकत में बदलने की कड़ी में मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने निजी क्षेत्र के दिग्गजों के साथ यहां आयोजित सम्मेलन में चर्चा की। उन्होंने कहा कि पीएम के वर्ष 2019 तक स्वच्छ भारत बनाने के सपने को हम तभी पूरा कर सकते हैं जब हम स्कूलों में बच्चों को साफ-सुथरा माहौल देंगे। हर स्कूल में बच्चों को और खासकर लड़कियों को शौचालय की सुविधा मिलेगी। एचआरडी मंत्रालय द्वारा इसके लिए ‘स्वच्छ भारत, स्वच्छ विद्यालय’ अभियान चला रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मिशन को अगले एक वर्ष तक पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है, जिसमें हम चाहते हैं कि ना केवल हर स्कूल में शौचालय हो बल्कि लड़कियों के लिए अलग से शौचालय बनाएं जाए। इस अभियान को सार्थक करने के लिए हमने निजी क्षेत्र को बड़े पैमाने पर भागीदार बनने की पहल की है। सम्मेलन की शुरूआत एक तीन मिनट की छोटी सी फिल्म से की गई जिसमें लड़कियों को स्कूलों में शौचालय ना होने से किस तरह की समस्याआें का सामना करता है का ब्यौरा सबके सामने रखा गया।

सम्मेलन में देश भर की निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की जानी-मानी कंपनियों के प्रमुखों ने शिरकत की। इसमें मारुति सुजूकी के अध्यक्ष आर.सी.भार्गव,इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति, जे एंड के टायर्स के अध्यक्ष डॉ.रघुपति सिंघानिया और सीआईआई के अध्यक्ष मौजूद थे। सार्वजनिक क्षेत्र से एनटीपीसी के अध्यक्ष , सार्वजनिक क्षेत्र के संघ के वरिष्ठ अधिकारी और उद्योग संघों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। बैठक में एनटीपीसी की ओर से 24 हजार शौचालय बनाने का वादा किया गया है। इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति ने मंत्रालय की वेबसाइट पर भुवनेश्वर में 109 स्कूलों को चयनित किया जिसमें उनके द्वारा शौचालय बनाए जाएंगे। टीसीएस, टोयोटा करलोसकर, भारती फाउंडेशन और अंबूजा सीमेंट जैसी कंपनियों ने भी शौचालयों के निर्माण को लेकर अपनी रूचि और प्रतिबद्धता जाहिर की। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र संघ की ओर से 1 लाख शौचालय बनाए जाने का वादा किया गया।

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