रविवार, 2 नवंबर 2014

सेना के जवान नमूना प्रशिक्षण पद्वति से लेंगे फायरिंग की ट्रेनिंग?

हरिभूमि ब्यूरो.नई दिल्ली

देश में फील्ड फायरिंग रेंजों को लेकर जारी तमाम तरह के विवादों के बीच अब जवानों का फायरिंग प्रशिक्षण बेरोकटोक चलता रहेगा। इसमें किसी तरह की कोई बाधा नहीं आएगी। क्योंकि अब सेना फ ील्ड फायरिंग रेंजों के प्रशिक्षण में नमूना प्रशिक्षण पद्वति यानि सिम्युलेटर प्रशिक्षण का बड़े पैमाने पर उपयोग करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। यहां राजधानी में चल रहे सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में सेनाप्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने मंगलवार को इस मसले पर सेना के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर रक्षा मंत्रालय में सचिव आर.के.माथुर भी मौजूद थे। सैन्य कमांडर सम्मेलन सोमवार 13 अक्टूबर को शुरू हुआ था और इसका समापन शुक्रवार को कबांइड कमांडर सम्मेलन के साथ होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा रक्षा मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेनाओं के प्रमुख, राष्‍टीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल,रक्षा सचिव आर.के.माथुर समेत मंत्रालय और सशस्त्र सेनाओं के तमाम वरिष्ठ अधिकारी शिरकत करेंगे।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सम्मेलन में सिम्युलेटर ट्रेनिंग को किस तरह से उपयोग में लाया जा सकता है, प्रशिक्षण से जुड़े कौन-कौन से वो पहलू हैं जिन पर इसका प्रयोग किया जा सकता है पर चर्चा की गई। अभी वायुसेना से लेकर नौसेना में कोई भी नया विमान या तकनीक को शामिल करने के मौके पर सिम्युलेटर ट्रेनिंग पद्वति का उपयोग किया जाता है। इसमें विमान की कॉकपिट का कंप्युटराइज नमूना तैयार कर उस पर पॉयलट को प्रशिक्षण दिया जाता है। सेना में कुछ जगहों पर छोटे पैमाने पर सिम्युलेटर प्रशिक्षण दिया जा रहा है लेकिन अब इसका विस्तार करने की योजना बनायी जा रही है।

गौरतलब है कि देश में कुल 51 फील्ड फायरिंग रेंज हैं, जिसमें से 30 फीसदी में समस्याएं आ रही हैं। ज्यादातर मामलों में राज्य सरकारें फील्ड फायरिंग रेंजों का नवीनीकरण नहीं कर रही हैं, जिससे सेना के समक्ष जवानों को रेंजों में प्रशिक्षण दिए जाने को लेकर गंभीर समस्या खड़ी हो रही है। इसे दूर करने के लिए अब सेना सिम्युलेटर प्रशिक्षण को बढ़ावा देने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

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